Farmers Protest Delhi LIVE: किसान आंदोलन में पड़ी दरार, वीएम सिंह हुए अलग, भानु गुट का भी चिल्ला बॉर्डर से हटने का एलान
खास बातें
कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए बवाल के बाद दिल्ली में कड़ी सुरक्षा है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें से ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं, आज भी दिल्ली में कई रास्ते बंद हैं। किसान संगठन आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि बड़ी तादाद में किसान संसद मार्च नहीं करेंगे। चुनिंदा प्रतिनिधि अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर पैदल मार्च करते हुए संसद तक जाएंगे
26 जनवरी की हिंसा के लिए अमित शाह हैं जिम्मेदारः कांग्रेस
कांग्रेस ने 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के लिए देश के गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह हिंसा योजनाबद्ध तरीके से की गई जिसे केंंद्र से संरक्षण मिला। कांग्रेस ने कहा कि आंदोलन को छलपूर्वक हटाने की कोशिश की गई। कांग्रेस ने ये भी मांग की है कि, पीएम मोदी को गृहमंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।
बीकेयू का भानु गुट भी हुआ आंदोलन से अलग, चिल्ला बॉर्डर से खत्म होगा आंदोलन
भारतीय किसान यूनियन का भानु गुट भी किसान आंदोलन से अलग हो गया है। संगठन के मुखिया भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने का एलान किया है। हालांकि भाकियू के भानु गुट को संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही अपने आंदोलन से अलग कर दिया था क्योंकि इसने शुरुआत में ही सरकार के मंत्रियों से मिलने के बाद आंदोलन खत्म करने की बात कही थी। हालांकि आम किसानों की भावनाओं को देखते हुए आंदोलन जारी रहा था।
किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से वापस लिया नाम
किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से नाम वापस ले लिया है और साथ ही राकेश टिकैत व अन्य किसान नेताओं पर कई आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि जिन लोगों ने भड़काया उन पर सख्त कार्रवाई हो। वीएम सिंह ने कहा कि, सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी तो सरकार क्या कर रही थी। वीएम सिंह आगे बोले, हिंदुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं। आईटीओ में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए कहा कि टिकैत अलग रास्ते से जाना चाहते थे।
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दिल्ली पुलिस ने अपनी एफआईआर में आईटीओ में हुई हिंसा का क्रमवार ब्योरा दिया है और ये भी बताया है कि कैसे पुलिस के बार-बार लाउड स्पीकर पर अनाउंस करने के बाद भी किसानों ने कानून व्यवस्था नहीं बनाए रखी और हिंसा करते हुए आगे बढ़ते रहे। इस एफआईआर ट्रैक्टर के उस एक्सीडेंट की भी बात है जिसमें एक किसान की मौत हो गई थी। बताया गया है कि ट्रैक्टर के हादसे के बाद पुलिसवालों ने ट्रैक्टर चालक को बचाने की भी कोशिश की लेकिन एक अन्य ट्रैैक्टर आया और उन्हें कुचलने की कोशिश की जिसके चलते पुलिसवालों को वहां से भागना पड़ा।
राकेश टिकैत का भी एफआईआर में है नामः दिल्ली पुलिस
किसानों के हमले में घायल हुए डीसीपी उत्तर के ऑपरेटर संदीप ने बताया, 'हम लाल किले पर गणतंत्र दिवस की ड्यूटी पर थे। वहां एक उग्र भीड़ आई और उन्होंने अचानक लाठी-डंडे और जो भी हथियार उनके पास थे उनसे हमला कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस को बहुत मशक्कत करनी पड़ी। दूसरी तरफ मोहन गॉर्डन के SHO बलजीत सिंह भी हमले में घायल हुए थे उन्होंने कहा, नजफगढ़ रोड पर हमने बैरिकेड से रास्ता रोका था। किसान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की तरफ से आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिया और पथराव शुरू कर दिया। वे बहुत हिंसक थे और उनके पास हर तरह के हथियार थे। कई ने शराब भी पी थी।
वहीं दिल्ली पुलिस ने ये भी जानकारी दी है कि, उसकी एफआईआर में (किसान ट्रैक्टर रैली के संबंध में एनओसी के उल्लंघन के लिए) किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम हैं। एफआईआर में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है। वहीं दिल्ली पुलिस भी लाल किले का मुआयना करने पहुंची, जिसकेे आधार पर वह रिपोर्ट देगी।
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